क्या CAA कानून मुस्लिम विरोधी है? क्या CAA कानून से हम आम भारतीयों को भी कोई खतरा है। क्या है यह कानून जो DL01CAA4421वाली कार में बैठकर अमित शाह जी आए और 4+4+2+1=11 मार्च को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा धमाका कर दिया।
नागरिक संशोधन एक्ट के तहत हिंदू, जैन,पारसी और ईसाई धर्म के जितने भी लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले मुस्लिम मेजॉरिटी वाले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए थे। उन सभी लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। अगर धर्म के आधार पर उन पर जुल्म किए गए हैं तो नागरिकता के लिए उन शरणार्थियों को पासपोर्ट या फिर कोई भी लीगल डॉक्यूमेंट दिखाना पड़ेगा।और उनके पास डॉक्यूमेंट नहीं है। तो भी नागरिकता ले सकते हैं। बस उनको भारत में 6 साल से ज्यादा रहने का कोई प्रमाण दिखाना होगा पर इसमें मुस्लिम शरणार्थियों को शामिल क्यों नहीं किया। क्या इस पर गृहमंत्री अमित शाह जी का कहना है कि पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसे मुस्लिम मेजोरिटी वाले देशों में अल्पसंख्यक हिंदू ,बौद्ध और बाकी धर्मों के लोगों को ही धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है। इसलिए मुस्लिम शरणार्थियों को इसमें शामिल नहीं किया गया और ना ही भारत में रह रहे किसी भी भारतीय नागरिक से कोई नागरिकता छिनी जा रही। इसलिए पहले अच्छे से समझे यह बिल किसी खास समुदाय के खिलाफ नहीं है।